पूर्व में यह भू अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम था जिसे अब ई-धरती (DILRMP) डिजिटल इण्डिया भूअभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम का नाम दिया गया है।यह कार्यक्रम राज्य के समस्त भू-अभिलेख को एक्यूरेट एवं रियल-टाईम कर कम्प्यूटराईज्ड प्रतियां आम जनता को सुलभ कराने के उद्देश्य से विचारित किया गया है। केन्द्र संचालित ई-धरती कार्यक्रम के तहत समस्त भू अभिलेख नये सिरे से तैयार किये जावेगें। यह कार्यक्रम अभिलेख (textual) एवं नक्शा (spatial) भू-अभिलेख एवं राजस्व एवं पंजीयन प्रणाली के अर्न्तयुग्मन (integration) के द्वारा वर्तमान डीडप्रणाली (deedsystems) के स्थान पर कन्क्लुजीव टाईटलिंग की अभिशंषा करता है ताकि नागरिक अधिकार-अभिलेख की आदिनांकित प्रति एवं नक्शों की प्रति एकल खिड़की से प्राप्त कर सके।